खिलजी वंश History Notes For RPSC 2nd Grade

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खिलजी वंश History Notes For RPSC 2nd Grade In Hindi

नमस्कार भाइयों और बहनों आज की इस पोस्ट में खिलजी वंश के अति महवपूर्ण नोट्स आप सभी के लिए जारी किये गए है यह नोट्स राजस्थान लोक सेवा आयोग एवं राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा आयोजित सभी प्रतियोगी परीक्षाओ में मध्यकालीन भारतीय इतिहास के सिलेबस के लिये बहुत ही महत्वपूर्ण साबित होंगे .

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खिलजी वंश

  • जलालुद्दीन फिरोज खिलजी ने 1290 ई. में खिलजी वंश की स्थापना की। इसने अपना राज्याभिषेक 1290 ई. में कैकुबाद द्वारा बनाये गए अपूर्ण किलोखरी (कीलूगढ़ी) के महल में करवाया था।
  • जलालुद्दीन जब दिल्ली का सुल्तान बना तब उसने अलाऊद्दीन को अमीर ए-तुजुक का पद दिया तथा अपनी पुत्री का विवाह अलाउद्दीन से कर दिया।
  • अलउद्दीन खिलजी के बचपन का नाम अली गुर्शप था।
  • अलाउद्दीन दिल्ली पहुँचकर 02 अक्टूबर 1296 ई. को बलबन के लाल महल में अपना राज्याभिषेक करवाया।
  • अलाउद्दीन खिलजी एक महत्वाकांक्षी सुल्तान था। उसने सिकन्दर द्वितीय सानी की उपाधि धारण की और उसे अपने सिक्कों पर अंकित करवाया।

  • अलाउद्दीन का प्रसिद्ध सेनापति जफर खाँ मंगोलों के विरुद्ध लड़ता हुआ मारा गया। जो अपने समय का श्रेष्ठ और साहसी सेनापति था।
  • पदमिनी, राणा रतन सिंह की पत्नी थी, अलाउद्दीन खिलजी के मेवाड़ की राजधानी चित्तौड़ पर आक्रमण के दौरान राणा रतन सिंह की मृत्यु हो जाने के कारण रानी पद्मिनी ने जौहर कर लिया था।
  • पद्मिनी की कहानी का आधार 1540 ई. में मलिक मुहम्मद जायसी द्वारा लिखित काव्य-पुस्तक पद्मावत है।
  • दिल्ली सल्तनत में सुल्तान अलाद्दीन खिलजी ने एक विशाल एवं केन्द्रीय स्थायी सेना का गठन किया। जिसे हस्म-ए-क्लब कहा गया। साथ ही साथ अलाउद्दीन ने अपनी सेना को नकद वेतन देने की परम्परा डाली।
  • यह भी महत्त्वपूर्ण है कि अलाउद्दीन ने सैनिकों की पहचान के लिए हुलिया प्रथा, तथा घोड़ों की पहचान के लिए दाग प्रथा की शुरुआत की।
  • अलाउद्दीन ने सेना का विभाजन दशमलव प्रणाली के आधार पर किया। और दिल्ली सल्तनत में डाक व्यवस्था को जन्मदाता अलाउद्दीन खिलजी था।
  • अलाउद्दीन के आक्रमण के समय देवगिरि का शासक रामचन्द्र देव था। अलाउद्दीन ने रामचन्द्र देव के प्रति सम्मानपूर्ण व्यवहार किया तथा उसे ‘राय रायन’ की उपाधि दी।
  • मलिक काफूर को अलाउद्दीन ने अपनी गुजरात विजय के दौरान प्राप्त किया था। इसे ‘हजार-दीनारी’ भी कहा जाता था।
  • अलाउद्दीन पहला सुल्तान था। जिसने भूमि की पैमाइश करा कर लगान वसूल करना आरम्भ किया। अपनी व्यवस्था को लागू करने के लिए अलाउद्दीन एक पृथक विभाग ‘दीवान-ए-मुस्तखराज’ की स्थापना की।
  • अलाउद्दीन ने बाजार नियंत्रण या मूल्य नियंत्रण की नीति लागू की।
  • अलाउद्दीन ने अपने बाजार नियंत्रण की सफलता के लिए कुशल कर्मचारी नियुक्त किए। जिसने मलिक कबूल को शहना या बाजार का अधीक्षक नियुक्त किया।
  • सल्तनत कालीन शासक अलाउद्दीन ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली प्रारम्भ की थी। अलाउद्दीन खिलजी द्वारा लगाए गए दो नवीन कर थे घरी कर जो कि घरों एवं झोपड़ियों पर लगाया जाता था तथा चराई कर जो कि दुधारू पशुओं पर लगाया जाता था।
  • अलाउद्दीन की मृत्यु के पश्चात् मलिक काफूर ने सत्ता पर कब्जा कर लिया, और उसने अलाउद्दीन की पत्नी काव्यपाली से उत्पन्न शिहाबुद्दीन उमर को (अल्प वयस्क) दिल्ली का सुल्तान घोषित करके स्वयं को उसका संरक्षक नियुक्त किया और सारी सत्ता अपने हाथों में केन्द्रित कर लिया। मलिक काफूर ने 40 दिनों तक शासन किया।
  • अलाउद्दीन खिलजी के आक्रमण के समय देवगिरि का शासक रामचन्द्र देव था।
  • अलाउद्दीन खिलजी के काल में खालसा भूमि अधिक पैमाने में विकसित हुई।
  • अलाउद्दीन खिलजी के बारे में कहा जाता है कि उसने भूमि कर को उत्पादन के 50% तक कर दिया था।
  • घरी अथवा गृहकर लगाने वाला दिल्ली का प्रथम सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी था।
  • देवगिरि के शासक राजा रामचन्द्र देव ने अपनी पुत्री काव्यपाली (झाब्यपाली-14 वर्ष) का विवाह कर लिया।
  • गुजरात के पराजित शासक कर्ण देव की पत्नी कमला देवी से अलाउद्दीन ने विवाह कर लिया।
  • देवगिरि को आधुनिक ‘दौलताबाद’  के नाम से जाना जाता है।
  • अमीर खुसरों द्वारा रचित पुस्तक ‘आशिका’  में खिज्र खां एवं कर्णदेव की पुत्री देवल देवी के प्रणय (प्रेम) सम्बन्धों की चर्चा की है।
  • मलिक काफर ने वारंगल के काकतीय वंश के शासक प्रताप रुद्रदेव पर आक्रमण किया। दोनों के बीच हई। सन्धि में प्रताप रुद्रदेव ने मलिक काफर को कोहिनर का हीरा भेंट किया। यह हीरा गोलकण्डा के खान में मिला था। मलिक काफर ने यह हीरा अलाउददीन को सौप दिया था।
  • अलाउद्दीन ने अपने पुत्र खिज्र खां को चित्तौड़ का शासक बनाया तथा चित्तौड़ का नाम बदलकर खिजाबाद कर दिया।
  • मलिक मुहम्मद जायसी ने अपने महाकाव्य-पदमावत (अवधी भाषा) में अलाउद्दीन की चित्तौड़ विजय का कारण पद्मिनी के सौन्दर्य को माना है। जालौर में कनेरदेव अथवा कान्हणदेव II का शासन था। लाहौर की विजय के लिए अलाउद्दीन खिलजी ने अपने महल की नर्तकी खुले-बहिष्क के नेतृत्व में एक सेना भेजी। अलाउद्दीन खिलजी के आर्थिक सुधारों के विस्तृत विवरण जियाउद्दीन बर्नी ने अपनी पुस्तक तारीख-ए-फिरोजशाही में दिए हैं।
  • अमीर खुसरो ने भी अपनी पुस्तक खजाइन-उल्क-तूह में आर्थिक सुधारों की प्रशंसा की हैं।

नीचे कुछ प्रश्न दिए है उन्हें जरूर हल करें

कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न

Q.1 खिलजी वंश में कितने शासक हुए?

खिलजी वंश में कुल 5 शासक हुए जिनमे से अन्तिम शासक का नाम नासिरूद्दीन सुसरो शाह था।



Q.2. अलउद्दीन खिलजी के बचपन का नाम क्या था ?

अलउद्दीन खिलजी के बचपन का नाम अली गुर्शप था।



Q.3. अलाउद्दीन ने सेना का विभाजन किस प्रणाली के आधार पर किया ?

अलाउद्दीन ने सेना का विभाजन दशमलव प्रणाली के आधार पर किया



Q.4. घरी अथवा गृहकर किस मुस्लिम शासक द्वारा लगाया गया ?

घरी अथवा गृहकर लगाने वाला दिल्ली का प्रथम शासक अलाउद्दीन खिलजी था



Q.5. ‘दौलताबाद’ के नाम से किसे जाना जाता है ?

देवगिरी को आधुनिक दौलताबाद के नाम से जाना जाता है



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