राजस्थान : एक परिचय

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नमस्कार प्रिय विद्यार्थियों आज की इस पोस्ट में आपको राजस्थान सामान्य ज्ञान यानि राजस्थान के परिचय के बारे में बताया गया है , जिसकी मदद से आप अपनी तैयारी को बेहतर कर सकते हो ,इसी तरह का ओर मेटर प्राप्त करने क लिए आप हमारी वेबसाइट www.exameguru.in  को समय – समय पर विजिट करते रहे

∎वर्तमान में राजस्थान भारत का क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा राज्य है जो कि 3,42,239 वर्ग किमी. (1,32,139 वर्गमील) क्षेत्र में फैला हुआ है। राजस्थान का अक्षांशीय विस्तार 23°03′ व 30°12′ तथा देशांतरीय विस्तार 69°30′ व 78°17′ है। राजस्थान वर्तमान में 33 जिलों, 7 संभागों तथा 4 भौतिक प्रदेशों में फैला हुआ है। राजस्थान की वर्तमान में कुल जनसंख्या 6.86 करोड़ (लगभग) है।

∎भारत के उत्तरी-पश्चिमी भाग में स्थित वर्तमान राजस्थान प्रारंभ में एक भौगोलिक इकाई के रूप में नहीं था। प्राचीन तथा मध्यकाल में यह कई प्रदेशों में विभाजित था और ये प्रदेश अलग-अलग नाम से जाने जाते थे। बीकानेर व जोधपुर के जिले महाभारत काल में जांगल देश कहलाते थे। जांगल देश के आस-पास का भाग सपादलक्ष कहलाता था। इस पर चौहानों का अधिकार था। जयपुर, टोंक के चारों ओर का प्रदेश विराट प्रदेश कहलाता था। डूंगरपुर व बाँसवाड़ा के प्रदेश बागड़, कोटा, बूंदी के आस-पास के प्रदेश हाड़ौती कहलाते थे।


∎उदयपुर राज्य का प्राचीन नाम शिवि था। जो बाद में चितौड़ और मेवाड़ कहलाया। जोधपुर के राज्य को मरू, मरूवार और बाद में मारवाड़ कहा जाने लगा। जैसलमेर का पुराना नाम माड और जालौर का सुवर्णगिरी था।


∎गंगानगर के आस-पास का प्रदेश यौद्धेय और आबू के आस-पास का क्षेत्र चंद्रावती कहलाता था। बाड़मेर का प्रदेश श्रीमाल कहलाया। भरतपुर, धौलपुर व करौली शूरसेन देश के अंतर्गत था। झालावाड़ मालवदेश के अंतर्गत था।


∎ राजस्थान के लिए सर्वप्रथम राजपूताना शब्द का प्रयोग 1800 ई. में जॉर्ज थॉमस के द्वारा किया गया।


∎जॉर्ज थॉमस मूलतः आयरलैण्ड का मूलनिवासी था।


∎जॉर्ज थॉमस राज्य में सर्वप्रथम शेखावाटी क्षेत्र में आया था तथा इसकी मृत्यु बीकानेर में हुई थी।


∎ब्रिटिशकाल अथवा मध्यकाल में राजस्थान को राजपूताना के नाम से जाना जाता था।


∎1805 ई. में विलियम फ्रेंकलिन ने अपने ग्रंथ ‘मिल्ट्री मेमायर्स ऑफ मिस्टर जॉर्ज थॉमस’ में इस बात का उल्लेख किया, कि जॉर्ज थॉमस ही संभवतः प्रथम व्यक्ति था जिसने इस भू-भाग के लिए राजपूताना शब्द का प्रयोग किया।


∎’मिल्ट्री मेमायर्स ऑफ मिस्टर जॉर्ज थॉमस’ का प्रकाशन लार्ड वेलेजली के द्वारा किया गया।
 
∎1829 ई. में कर्नल जेम्स टॉड ने अपने ग्रंथ ‘द एनाल्स एण्ड एन्टिक्वीटीज ऑफ राजस्थान’ में सर्वप्रथम राजस्थान या – रजवाड़ा शब्द का प्रयोग किया।

∎’द एनाल्स एण्ड एन्टिक्वीटीज ऑफ राजस्थान’ का प्रकाशन लंदन में जेम्स क्रुक के द्वारा किया गया।

∎’द एनाल्स एण्ड एन्टिक्वीटीज ऑफ राजस्थान’ नामक ग्रंथ जेम्स टॉड ने अपने गुरू जेनयति ज्ञानचंद्र को समर्पित किया। 


∎जेम्स टॉड के इस महान ग्रंथ ‘द एनाल्स एण्ड एन्टिक्वीटीज ऑफ राजस्थान’ का सर्वप्रथम हिंदी अनुवाद पं. गौरीशंकर हीराचंद ओझा के द्वारा किया गया।


∎ पं. गौरीशंकर हीराचंद ओझा रोहिड़ा गाँव,सिरोही का मूल निवासी था।


∎कर्नल जेम्स टॉड ने द एनाल्स एण्ड एन्टिक्वीटीज ऑफ राजस्थान को दूसरा नाम ‘दी सैण्ट्रल एण्ड वैस्टर्न राजपूत स्टेट्स ऑफ इण्डिया’ दिया है।


∎द एनाल्स एण्ड एन्टिक्वीटीज ऑफ राजस्थान के प्रथम खण्ड में राजपूताने की भौगोलिक स्थिति, राजपूतों की वंशावली, सामन्ती व्यवस्था और मेवाड़ का इतिहास है।


∎ द एनाल्स एण्ड एन्टिक्वीटीज ऑफ राजस्थान के द्वितीय खण्ड में मारवाड़, बीकानेर, जैसलमेर, आमेर और हाड़ौती राज्य का इतिहास लिखा हुआ है। कर्नल जेम्स टॉड ने अपने एक और ग्रंथ ‘ट्रेवल इन वेस्टर्न इण्डिया/पश्चिमी भारत की यात्रा‘ में राजस्थान के पर्यटन के बारे में वर्णन किया।

∎कर्नल जेम्स टॉड ने अपनी यात्रा वृतांत ‘ट्रेवल इन वेस्टर्न इण्डिया’ विलियम हन्टर ब्लेयर को समर्पित किया। ‘ट्रेवल इन वेस्टर्न इण्डिया’ में जेम्स टॉड ने भ्रमण करते समय व्यक्तिगत अनुभवों के साथ-साथ राजपूती परम्पराओं, अंधविश्वासों, आदिवासियों के जीवन, मन्दिरों, मूर्तियों आदि के इतिहास का वर्णन किया है।
 
∎’ट्रेवल इन वेस्टर्न इण्डिया’ नामक ग्रंथ कर्नल जेम्स टॉड की मृत्यु के पश्चात इनकी पत्नी (जूलिया क्लटरबक) के द्वारा 1839 ई. में प्रकाशित किया गया।
 
∎ कर्नल जेम्स टॉड का जन्म 20 मार्च 1782 तथा इनकी मृत्यु  1835 में हुई। • कर्नल जेम्स टॉड स्कॉटलैण्ड के इलिंग्स्टन शहर का मूल निवासी था।

∎कर्नल जेम्स टॉड 1806 ई. के जून माह में पहली बार उदयपुर आए थे।

∎8 मार्च 1818 ई. को कर्नल जेम्स टॉड मेवाड़ और हाड़ौती के पॉलिटिकल एजेंट (दक्षिण-पश्चिमी राजपूताने का रेजीडेंट) नियुक्त  कर उदयपुर पहुंचा।

∎ जेम्स टॉड को 3 नवम्बर 1819 ई. को सिरोही व मारवाड़ राज्यों का भी प्रभार दिया गया।
 
∎जेम्स टॉड राजस्थान का प्रथम इतिहासकार था, जिसने पहली बार वैज्ञानिक दृष्टिकोण से समस्त राजस्थान का इतिहास लिखा।
 
∎ कर्नल जेम्स टॉड की सेवाओं से प्रभावित होकर उदयपुर – महाराज भीमसिंह ने अजमेर के बोरसवाड़ा गाँव का नाम टॉडगढ़ रख दिया।
 
∎कर्नल जेम्स टॉड ने आबू पर्वत पर स्थित अनेक देव मन्दिरों के कारण आबू पर्वत को हिन्दू ऑलम्पस कहा है।

∎कर्नल जेम्स टॉड ने राजस्थान की सबसे ऊंची चोटी गुरु  शिखर को संतों का शिखर कहा है।
 
∎कर्नल जेम्स टॉड को राजस्थान के इतिहास का पिता या पितामह के उपनाम से जाना जाता है।
 
∎वेदव्यास जी को भारत के इतिहास का पिता के उपनाम 12 से जाना जाता है। इन्होनें ‘महाभारत’ की रचना की।
 
∎विश्व के इतिहास का पिता हेरोडोटस हैं, जिन्होंने  स्टोरिका’ – नामक ग्रंथ की रचना की।
 
∎कर्नल जेम्स टॉड को घोड़ों वाले बाबा के उपनाम से भी जाना जाता है।
 
∎कर्नल जेम्स टॉड ने पुरानी बहियों में राजस्थान के लिए रायथान शब्द का प्रयोग किया है।
 
∎रायथान का शाब्दिक अर्थ शासकों का निवास ___ स्थान है।
 
∎कर्नल जेम्स टॉड ने इंग्लैण्ड जाते समय मानमोरी शिलालेख को समुद्र में फेंक दिया था।
 

∎कर्नल जेम्स टॉड 19वीं शताब्दी का प्रथम  तिहासकार था, जिसने सामंती वस्था/जागीरदारी व्यवस्था/फ्यूडलिज्म पर विस्तार से लिखा।
 
∎ ऋग्वेद में राजस्थान के लिए ब्रह्मवर्त शब्द का प्रयोग किया गया है।


∎रामायण में राजस्थान के लिए मरूकान्ताय शब्द का प्रयोग  किया गया है।
 
∎चितौड़गढ के खण्ड शिलालेख में राजस्थान के लिए राजस्थानीय शब्द का प्रयोग किया गया।
 
∎राजस्थान शब्द का सर्वप्रथम उल्लेख या लिखित प्रमाण विक्रम संवत 682 में खीमलमाता मंदिर  बसंतगढ़-सिरोही) पर उत्कीर्ण बसंतगढ़ शिलालेख में राजस्थानाद्वितीया के रूप में मिलता है।
 
∎बसन्तगढ़ शिलालेख चावड़ा वंश के शासक वर्मलात  के समय का है। यह दास प्रथा पर उत्कीर्णन है।
 
∎मुहणौत नैणसी ने अपने ग्रंथ नैणसी री ख्यात में राजस्थान के बारे में वर्णन किया है।
 
∎ वीरभान ने अपने ग्रंथ राजरूपक में राजस्थान के बारे में वर्णन किया।
 
∎ब्रिटिश काल में राजस्थान के इतिहास लेखन का सर्वप्रथम – प्रयास करने वाले कविराज श्यामलदास थे। जिन्होनें अपनी पुस्तक ‘वीर विनोद’ में इतिहास लेखन का कार्य किया।
 
∎1791 ई. में जोधपुर के महाराजा भीमसिंह ने मराठों के विरूद संयुक्त कार्यवाही करने के लिए जयपुर नरेश सवाई प्रतापसिंह को लिखे गये पत्र में राजस्थान अथवा राजस्थानियों’ में एकता की इच्छा प्रकट की।
 

∎मुगल साहित्यकार (इतिहासकार) ‘राजपूत’ शब्द को बहुवचन में लिखने में राजपूतां शब्द का प्रयोग करते थे। इसी का कारण अंग्रेजों ने इस राज्य को राजपूताना अर्थात् राजपूतों का देश नाम दिया।

∎अखिल भारतीय देशी राज्य लोक परिषद् के राजपूताना प्रान्तीय सभा का अधिवेशन 9 सितम्बर, 1946 ई. को हुआ। – इसमें नेहरूजी ने कर्नल  म्स टॉड के राजस्थान शब्द का – दूसरी बार 117 वर्ष बाद व्यवहार में प्रयोग किया। इसके  बाद यह शब्द एकीकरण के छठे चरण में वैधानिक रूप से  राजपूताना की जगह प्रयोग में लाया जाने लगा।


∎26 जनवरी 1950 ई. को राजपूताना का नाम बदलकर राजस्थान रखा गया।


∎26 जनवरी 1950 ई. को राजस्थान को ‘ख/ब/बी’ श्रेणी का दर्जा दिया गया।


∎राजस्थान अपने वर्तमान स्वरूप में 1 नवम्बर 1956 ई. को आया।


∎1 नवम्बर को प्रत्येक वर्ष राजस्थान स्थापना दिवस के रूप में मनाया जाता है।


∎30 मार्च को प्रत्येक वर्ष राजस्थान दिवस के रूप में मनाया जाता है।
 
 

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